WHATSAPPWISH.COM

Show your loved ones that you wish them well

New Updated Status

बाहर क्या दिखलाए, अनंतर जपिए राम ।
कहा काज संसार से, तुझे धनी से काम ।।

तुझे संसार के दिखावे से क्या क्या काम तुझे तो अपने भगवान से काम है इसलिए गुप्त जाप कर ।

Kabir Ke Dohe
Shared 293 Times Today
सुख सागर का शील है, कोई न पावे थाह ।
शब्द बिना साधु नही, द्रव्य बिना नहीं शाह ।।

शील स्वभाव का सागर है जिसकी थाह कोई नहीं पा सकते वैसे ही भगवान के भजन के बिना साधु नहीं होता जैसे धन के बिना शाह नहीं कहलाता ।

Kabir Ke Dohe
Shared 136 Times Today
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
काया काठी काल धुन, जतन-जतन सो खाय ।
काया वैद्य ईश बस, मर्म न काहू पाय ।।

शरीर रूपी काठ को काल रूपी धुन की तरह से खाये जा रहे हैं । लेकिन इस शरीर में भगवान भी रहते हैं यह भेद कोई बिरला ही जानता है ।

Kabir Ke Dohe
Shared 287 Times Today
जब ही नाम हृदय धरयो, भयो पाप का नाश ।
मानो चिनगी अग्नि की, परि पुरानी घास ।।

जिस प्रकार अग्नि की चिंगारी पुरानी घास में पड़कर उसको फूँक देती है वैसे ही हरि के ताप से पाप नष्ट हो जाते हैं । जब भी आपके हृदय में नाम स्मरण दृढ़ हो जाएगा, तभी समस्त पापों का नाश होगा ।

Kabir Ke Dohe
Shared 65 Times Today
मार्ग चलते जो गिरे, ताकों नाहि दोष ।
यह कबिरा बैठा रहे, तो सिर करड़े दोष ।।

रास्ते चलते-चलते जो गिर पड़े उसका कोई कसूर नहीं माना जाता लेकिन कबीरदास जी कहते हैं कि जो बैठा रहेगा उसके सिर पर तो कठिन कोस बने ही रहेंगे अर्थात कार्य करने में बिगड़ जाये तो उसे सुधारने का प्रयत्न करें परंतु न करना अधिक दोषपूर्ण है ।

Kabir Ke Dohe
Shared 237 Times Today
संत ही में सत बांटई, रोटी में ते टूक ।
कहे कबीर ता दास को, कबहुँ न आवे चूक ।।

जो आदमी सच्चाई को बांटता है यानी सच्चाई का प्रचार करता है और रोटी में से टुकड़ा बाँटता है कबीर जी कहते हैं उस भक्त से भूल-चूक नहीं होती ।

Kabir Ke Dohe
Shared 316 Times Today
ऊँचे पानी न टिके, नीचे ही ठहराय ।
नीचा हो सो भरिए पिए, ऊँचा प्यासा जाये ।।

पानी ऊँचे पर नहीं ठहरता है वह नीचे ही फैलता है । जो नीचा झुकता है वह भर पेट पानी पी लेता है, जो ऊँचा ही खड़ा रहे वह प्यासा रह जाता है ।

Kabir Ke Dohe
Shared 180 Times Today
कबिरा धीरज के धरे, हाथी मन भर खाय ।
टूक एक के कारने, स्वान घरै घर जाय ।।

कबीरदास जी कहते हैं कि धीरज रखने के कारण ही हाथी मन भर खाता है पर धीरज न रखने के कारण कुत्ता एक-एक टुकड़े के लिए घर-घर मारा-मारा फिरता है ।

Kabir Ke Dohe
Shared 190 Times Today
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
जहाँ काम तहाँ नाम नहिं, जहाँ नाम नहिं वहाँ काम ।
दोनों कबहुँ नहिं मिले, रवि रजनी इक धाम ।।

कहीं नाम नहीं आ सकता और जहाँ हरिनाम है वहाँ कामनाएँ मिट जाती हैं । जिस प्रकार सूर्य और रात्रि नहीं मिल सकते उस प्रकार जिस मन में ईश्वर का स्मरण है वहाँ कामनाएँ नहीं रह सकतीं ।

Kabir Ke Dohe
Shared 214 Times Today
छिन ही चढ़े छिन ही उतरे, सो तो प्रेम न होय ।
अघट प्रेम पिंजरे बसे, प्रेम कहावे सोय ।।

जो छिन (तुरंत) में उतरे और छिन में चढ़े उसे प्रेम मत समझो । जो कभी भी घटे नहीं, हरदम शरीर की हड्डियों के भीतर तक में समा जाये वही प्रेम कहलाता है ।

Kabir Ke Dohe
Shared 128 Times Today

Total Files (3018) Page 102 of 302

All Category's (177)

A B C D E F G H I J K L M N O P Q R S T U V W X Y Z ALL
Nasa Quotes (8) Quotes By Neil Armstrong (8) Audience Engagement Quotes (9) Advertising Quotes (8) Quotes By Jennifer Lopez (12) Quotes By Donald Trump (6) Night Wishes (25) Attitude Shayari (100) Gurpurab Wishes In Punjabi (14) Happy Holi Wishes In Hindi (10)
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT